अटकलों से अंजाम की तरफ बढ़ता इनेलो संकट, 17 नवंबर को ‘वर्चस्व’ के लिए शक्ति प्रदर्शन

चंडीगढ़,
14 नवंबर, 2018

पिछले तक़रीबन डेढ़ महीने से हरियाणा के मुख्य राजनीतिक दल इंडियन नैशनल लोकदल (इनेलो) में गहराया सियासी संकट, तमाम अटकलों के बावजूद आख़िरकार अपने अंजाम का रुख कर चुका हैl

“उत्तराधिकार की लड़ाई” को लेकर चौटाला परिवार के सदस्यों के बीच पनपे मतभेदों से पार्टी-संगठन के घमासान में तबदील हुआ राजीनिक संकट आज उस समय और गहरा गया जब पार्टी प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला के बड़े सुपुत्र व इनेलो के प्रधान महासचिव अजय सिंह चौटाला को भी उनके वर्तमान पद से हटाते हुए पार्टी से उनकी प्राथमिक सदस्यता भी रद्द कर दी गयीl

अजय सिंह की सदस्यता भंग करने की जानकारी उनके छोटे भाई और वर्तमान में औपचारिक रूप से इनेलो की बागडोर संभाल रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता अभय सिंह चौटाला व पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने एक प्रेस वार्ता के ज़रिये दीl

गौरतलब है कि अजय सिंह के दोनों सुपुत्रों दुष्यंत और दिग्विजय, जो की अपने चाचा अभय सिंह के साथ “उत्तराधिकार की लड़ाई” लड़ रहे हैं, को पहले ही पार्टी से निष्कासित किया जा चुका हैl

अरोड़ा ने बताया की इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश चौटाला ने अजय सिंह द्वारा 17 नवंबर को जींद में बुलाई गयी कार्यकर्ताओं की बैठक को असंवैधानिक करार देते हुए उन पर अनाधिकार चेष्ठा करने, समानान्तर संगठन चलाने और पार्टी को कमज़ोर करने के आरोप में इनेलो से निष्कासित किया हैl

अरोड़ा ने बताया की उन्होंने 17 नवंबर को चंडीगढ़ स्थित जाट भवन में इनेलो सांसदों, विधायकों, पूर्व-विधायकों, प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्यों की व जिला और ब्लॉक स्तर के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई हैl

अरोड़ा ने कहा, “हमने हमेशा कमेरे की लड़ाई लड़ी है परन्तु कुछ लोग हमें कमज़ोर करना चाहते हैं और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश चौटाला ने कहा है कि वो उसे बर्दाश्त नहीं करेंगेl “

पिछले दिनों से इनेलो में छाये राजनीतिक संकट पर लगाई जा रही तरह-तरह की अटकलों पर आज विराम लग गया और अब ये निश्चित हो गया कि राजनीतिक रूप से एक-दूसरे के विरोधी हुए चौटाला परिवार के सदस्यों ने अलग-अलग राह इख़्तियार करने की ठान ली हैl

ऐसे में सबकी नज़रें अब दो गुटों में बँटी इनेलो के बीच 17 नवंबर को होने वाले दंगल पर टिक गयी हैं, जब ओम प्रकाश चौटाला के दोनों बेटे अजय सिंह और अभय सिंह क्रमशः जींद और चंडीगढ़ में अपने-अपने समर्थकों की उपस्थिति में अलग-अलग शक्ति प्रदर्शन करेंगेl

अब देखना ये है के ‘वर्चस्व’ की लड़ाई में संगठन किस ओर का रुख करता हैl

इनेलो में बढ़ी रार और उससे उत्पन्न हालातों से प्रदेश की राजनीति में होने वाले संभावित समीकरणों को भी नाकारा नहीं जा सकता हैl भविष्य में इनेलो की बागडोर कौन सँभालेगा? क्या दुष्यंत एक शशक्त नेता के रूप में उभरेंगे? या अभय सिंह और भी मजबूती के साथ इनैलो पर अपना आधिपत्य स्थापित करने में कामयाब रहेंगे? दोनों ही सूरतों में अस्तित्व में रहने वाली इनेलो, हरियाणा की राजनीति में मजबूत जाट नेता के रूप में स्थापित हुए भूपिंदर सिंह हूडा और गैर-जाट मतदाताओं का विकल्प बनी बीजेपी से किस हद तक निपट पाएगी? किसी समय ग्रामीण हरियाणा की नब्ज़ बखूबी से पकड़ने वाली इनेलो क्या फिर से हरियाणा के मतदाताओं के दिलों में अपनी जगह बनाने में कामयाब रहेगी? ये सब आने वाले समय में देखने वाला होगाl

मगर फिलहाल तो राजनीतिक विशेषज्ञों, अन्य विपक्षी दल कांग्रेस व सत्तरूढ़ बीजेपी से लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों की नज़र इस बात पर टिकी हैं कि इनेलो में मचे घमासान के चलते, अभय सिंह चौटाला से किनारा किये हुए कुछ बाग़ी विधायक, हरियाणा विधानसभा में उनकी नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी को छिनवाएँगे या नहींl

बहरहाल, अपने ही साये से द्वन्द कर रही इनेलो अब निसंदेह दो फाड़ हो चुकी हैl पार्टी प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा समेत अन्य बड़े सारे वरिष्ठ इनेलो नेता एंव वर्तमान में विधायक जहाँ अभी भी अभय सिंह चौटाला के खेमे में जमे बैठे हैं तो वहीँ कईं वर्तमान और पूर्व-विधायकों के अलावा बड़ी मात्रा में इनेलो समर्थक, खासकर के युवा नेता खुलकर दुष्यंत चौटाला के समर्थन में आ चुके हैंl

इनेलो छाये संकट के लिए, अप्रत्यक्ष रूप से एक-दूसरे को दोषी करार देने वाले चौटाला परिवार के सदस्य आजकल सीधे-सीधे एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैंl

इनेलो में विवाद पिछले महीने खुलकर सामने आया जब गोहना में आयोजित एक रैली में कुछ कार्यकर्ताओं ने अभय सिंह के भाषण के दौरान नारेबाजी की और उसका दोष हिसार से इनेलो के सांसद दुष्यंत चौटाला के हिस्से आयाl मामले की गंभीरता से लेते हुए शीर्ष पार्टी नेतृत्व द्वारा दुष्यंत व उनके भाई और पार्टी की युवा एंव विद्यार्थी इकाई इंडियन नैशनल स्टूडेंट आर्गेनाईजेशन (इनसो) नेता दिग्विजय सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया व इनसो को भंग कर दिया गयाl

तिहाड़ जेल से पैरोल पर बाहर आते ही अजय सिंह चौटाला ने अपने बेटों का समर्थन करते हुए पार्टी में अपने समर्थकों को एकत्रित कर जींद में 17 नवंबर को रैली बुलाई है जहाँ दुष्यंत खेमे की भविष्य की रणनीति की घोषणा होनी हैl 

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