चंडीगढ़,
9 फरवरी, 2019
प्रदेश की राजनीति में आज नया मोड़ आया और कईं पिछले दिनों से चल रही अटकलों पर विराम लगाते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने इंडियन नैशनल लोकदल (इनेलो) के साथ करीब 10 महीने पुराना गठबंधन को तोड़ आखिरकार आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से बागी हुए कुरुक्षेत्र सांसद राजकुमार सैनी की नवगठित लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी (लोसुपा) का दामन लिया।
इसकी घोषणा आज यहाँ दोनों पार्टियों की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिये लोसुपा के अध्यक्ष राजकुमार सैनी के प्रदेश प्रभारी डॉ मेघराज और प्रदेश अध्यक्ष प्रकाश भारती द्वारा की गई।
डॉ मेघराज ने बताया कि इनेलो के साथ हुआ गठबंधन चौटाला परिवार में विघटन होने के कारण कमजोर हुआ था और लोसुपा के साथ नए गठबंधन का फैसला बसपा सुप्रीमो मायावती ने किया है।
नए गठबंधन के अनुसार लोकसभा चुनाव में हरियाणा के 10 में से 8 सीटों पर प्रत्याशी खड़े करेगी बसपा जबकि 2 सीटों पर लोसुपा के प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे।
विधानसभा चुनाव में लोसुपा के हिस्से 55 सीटें जबकि बसपा 35 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
दोनों नेताओं ने यह जानकारी भी दी कि 17 फरवरी को बसपा और लोसुपा का संयुक्त कार्यकर्ता सम्मेलन होगा जोकि पानीपत में आयोजित किया जाएगा।
इससे पहले बसपा का गठबंधन इनेलो के साथ था। प्रदेश में हुए पांच नगर निगमों में हुए निकाय चुनावों मे इनेलो-बसपा गठबंधन कोई कमाल नहीं दिखा पाया और फिर उसके बाद हाल ही में हुए जींद उपचुनाव में भी गठबंधन को बुरी हार का सामना करना पड़ा।
जिसके उपरान्त बसपा की तरफ से इनेलो के साथ गठबंधन तोड़ने के संकेत दिए गए थे हालाँकि इनेलो नेता अभय सिंह लगातार इस बात को नकार रहे थे और दावे कर रहे थे कि बसपा के साथ उनका गठबंधन लोकसभा व विधानसभा चुनावोंतक चलेगा।
राजकुमार सैनी की पार्टी लोसुपा ने जींद उपचुनाव में इनेलो से करीबन चार गुना वोट प्राप्त किए थे।
यह देखना दिलचस्प होगा कि आखिर दलितों और पिछड़ों की राजनीति करने वाली यह दोनों पार्टियां हरियाणा की राजनीति में आगे चलकर कितनी कारगर साबित होती हैं।