कैथल विधानसभा: भाजपा की टिकट के लिए जद्दोजहद जारी, केंद्रीय नेताओं से नज़दीकी के चलते नरेंद्र गुर्जर का नाम चर्चाओं में

चंडीगढ़, 
28 सितंबर, 2019


राजनीति और शतरंज में परिस्थितियां और दांवपेंच काफ़ी हद तक एक जैसे हैं, दोनों में ही एक समानता यह भी है कि सही परिस्थिति के अनुसार सही समय पर मैदान में उतारा गया छोटा सा आम प्यादा बड़े-बड़े वजीरों को मात दे जाता है.

लोकसभा में पूर्ण बहुमत हांसिल करने वाली सत्तारूढ़ भाजपा भी अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों में विपक्षी दिग्गजों को पटकनी देकर ‘अबकी बार 75 पार’ के लक्ष्य को साधने की फ़िराक में है और इसी मंशा से अहम सीटों पर उपयुक्त राजनीतिक मोहरें तलाशने का काम भी जारी है.

ऐसी ही एक अहम विधानसभा है कैथल जहां से कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता और दिग्गज रणदीप सिंह सुरजेवाला चुनाव लड़ते हैं जिनके विरुद्ध भाजपा भी इस बार अपना कोई ऐसा सशक्त राजनीतिक प्यादा मैदान में उतरना चाहती है जो इस वज़ीर को मात दे सके.

रणदीप सुरजेवाला जाट समुदाय से सम्बन्ध रखते हैं जबकि कैथल से भाजपा के पास गुर्जर और बनिया उम्मीदवार मुख्य विकल्प हैं और पिछले कुछ दिनों से टिकट के लिए सभी इच्छुक नेताओं द्वारा ऐड़ी-चोटी कि जद्दोजहद राज्य स्तर व केंद्रीय स्तर पर जारी है.

भाजपा कि टिकट के लिए प्रयासरत इन नेताओं में मुख्य नाम सुरेश गर्ग नोच, नरेंद्र गुर्जर, कैलाश भगत व अन्य हैं.

सब के लिए भाजपा नेताओं की तरफ से शिफारिशें भी जारी हैं. हालांकि मजेदार बात यह है कि राज्य के वरिष्ठ नेता अभी किसी एक चेहरे पर सहमति नहीं बना पाए हैं.

सुत्रों के अनुसार सुरेश गर्ग नोच के लिए भाजपा में बनिया लॉबी पूरी तरह से प्रयासरत है जबकि कैथल से नरेंद्र गुर्जर का नाम केंद्र के एक बहुत बड़े नेता ने आगे किया है जिस पर शायद कल (रविवार) को दिल्ली में होने वाली पार्लियामेंट्री बोर्ड की मीटिंग में बड़े नेताओं की चर्चा होनी है.

टिकट के लिए कांटे की टक्कर नरेंद्र गुर्जर व सुरेश नोच में है.

गत दिनों मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान कैथल में असरदार युवा जनसैलाब के साथ चर्चाओं में छाए रहे नरेंद्र गुर्जर पर जहां केंद्र के दिग्गज व आरएसएस के कुछ बड़े नेता का आशीर्वाद है तो वहीं नोच के लिए हरियाणा बीजेपी के कुछ नेता कृपालु हैं.

अब देखना यह है कि रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ भाजपा किसी सशक्त युवा को मैदान में उतारेगी या फिर कोई और बिसात बिछाएगी.

कैथल के किले को ध्वस्त करने के लिए भाजपा को बहुत सोच-समझकर उम्मीदवार कर चुनाव करना होगा नहीं तो 90 विधानसभा वाले हरियाणा प्रदेश में ‘अबकी बार 75 पार’ के नारे वाली भाजपा जिन-जिन विधानसभा सीटों पर अपनी जीत को लेकर असमंजस में है, शायद कैथल की सीट उन मुख्य अभेद्द किलों में से एक होगी.

गौरतलब है कि 90 में से लगभग 50 सीटों के लिए भाजपा उम्मीदवारों ऐलान कल रविवार को दिल्ली में संसदीय बोर्ड की मीटिंग के बाद होने की संभावना है.

Leave a Comment