संसद में एनजीटी फैसले पर गूंजे दुष्यंत चौटाला
हरियाणा के 14 जिलों के लाखों किसान होने वाले हैं प्रभावित
चंडीगढ़,
18 दिसंबर, 2018
केंद्र सरकार द्वारा किसान के ट्रैक्टर को व्यावसायिक श्रेणी में लाने के फैसले के खिलाफ कामयाब मुहीम छेड़ने वाले हरियाणा के सांसद दुष्यंत चौटाला ने अब राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण यानि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal: एनजीटी) द्वारा 10 साल पुराने ट्रैक्टर पर लगाई पाबंदी वाले मुद्दे को पुरज़ोर तरीके से लोकसभा में उठाया है।
एनजीटी द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (National Capital Region: एनसीआर) में 10 साल पुराने ट्रैक्टर पर लगाई पाबंदी के खिलाफ मंगलवार को संसद में आवाज़ उठाते हुए जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) नेता दुष्यंत ने मांग की है कि या तो एनजीटी के प्रतिबंध को हटाया जाये अन्यथा सरकार प्रभावित किसानों को नये ट्रैक्टर खरीदने के लिए मुआवज़ा दे।
नियम 377 के तहत इस मामले को लोकसभा में उठाते हुए दुष्यंत चौटाला ने एनजीटी के प्रतिबंध को किसान विरोधी घातक कदम करार दिया और कहा कि ट्रैक्टर भारतीय किसानों का एक प्रमुख कृषि उपकरण है। किसान उपज के पूरे दाम न मिलने, कृषि की बढ़ती लागत और बर्बाद हुई फसलों के लिए पर्याप्त मुआवजे का प्रावधान न होने के चलते भारी संकट के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में एनजीटी द्वारा एनसीआर में 10 वर्ष से अधिक पुराने ट्रैक्टर को प्रतिबंधित करने से किसान की कमर पूरी तरह से टूट जाएगी।
दुष्यंत चौटाला का कहना है कि अधिकांश किसान बैंक से कर्ज लेकर कृषि उपज बढ़ाने के लिए ट्रैक्टर खरीदता है और यदि यह ट्रैक्टर 10 वर्ष बाद में उपयोग करने लायक नहीं रहेगा तो, कर्ज लेकर किए गए लाखों रूपये के निवेश पर पानी फिर जाएगा। उस स्थिति में पहले से आर्थिक तंगी की मार झेल रहे किसान की हालत बदतर स्थिति तक पहुंच सकती है।
हरियाणा का हवाला देते हुए चौटाला ने कहा कि प्रदेश के 22 में से 14 जिले एनसीआर की श्रेणी में आते हैं यानि कि आधे से अधिक हरियाणा एनसीआर में है। एनसीओर में लाखों किसान ऐसे हैं जिनके पास दस वर्ष से पुराना ट्रैक्टर है और वे नया ट्रैक्टर खरीदने की हालत में नहीं है। उन्होंने कहा कि एनजीटी के इस फैसले से हरियाणा के 14 जिलों के लाखों किसान प्रभावित होंगे।
दरअसल एनजीटी ने एनसीआर में 10 वर्ष से अधिक पुराने ट्रैक्टरों के उपयोग में लाए जाने पर पूर्ण रूप से पांबदी लगा दी है।
गौरतलब है कि इससे पहले केंद्र सरकार ने ट्रैक्टर को वाणिज्य वाहनों की श्रेणी में शामिल कर दिया था जिसका विरोध करते हुए दुष्यंत चौटाला ट्रैक्टर लेकर लोकसभा में पहुंचे थे और मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाया था। बाद में केंद्र सरकार को यह फैसला वापस लेना पड़ा था।