चंडीगढ़,
03 अप्रैल, 2019
वर्ष 2005 में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को उसके अख़बार नेशनल हेराल्ड के लिए पंचकूला में नियमों के विरुद्ध ज़मीन आवंटन मामले में आज पंचकूला स्थित विशेष केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) अदालत में सुनवाई के दौरान र्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सीबीआई कोर्ट में पेश हुए।
हालांकि (एजेएल) हाउस के चेयरमैन और कांग्रेस नेता मोती लाल वोहरा सीबीआई कोर्ट नहीं पहुंचे और बचाव पक्ष द्वारा मामले में आरोपी मोतीलाल वोहरा के उम्र और मेडिकल कारणों के चलते परमानेंट एग्जम्प्शन के लिए याचिका लगाई गई है।
वोहरा की एग्जम्प्शन याचिका पर सीबीआई कोर्ट 31 मई को अपना फैसला सुनाएगी।
सुनवाई पर अन्य आरोपी बिल्डर अतुल बंसल के नहीं पहुंचने पर सीबीआई कोर्ट ने बंसल को प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर (पीओ) घोषित करने की कार्यवाई कर दी है।
मामले की अगली सुनवाई अब 31 मई को होगी।
पिछले साल दिसम्बर में एजेएल मामले में सीबीआई ने हुड्डा, मोतीलाल वोरा और एजेएल के खिलाफ चार्जशीट (आरोप पत्र) दाखिल की थी।
सीबीआई ने पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा जो कि आवंटन के समय हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) भी चेयरमैन भी थे, एजेएल के चेयरमैन वोरा व एजेएल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत यहाँ विशेष सीबीआई अदालत में चार्जशीट दाखिल की हुई है।
हुड्डा पर एजेएल के अख़बार नेशनल हेराल्ड के लिए पंचकूला में नियमों के विरुद्ध ज़मीन अलॉट करने का आरोप है।
जानकारी के मुताबिक, एजेएल को 1982 भजन लाल सरकार के दौरान में प्लॉट अलॉट हुआ था मगर 1992 तक इस पर कोई निर्माण न होने की वजह से हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने कथित प्लॉट का पजेशन कैंसिल कर इसे वापिस रिज्यूम कर लिया थाl परंतू वर्ष 2005 में, हुड्डा सरकार के समय एजेएल को कथित प्लॉट नियमों की अनदेखी करते हुए पुरानी दरों पर फिर से अलॉट कर दिया गया।
मौजूदा बीजेपी सरकार के कार्यकाल के दौरान, वर्ष 2016 में राज्य सतर्कता विभाग ने इस मामले में केस दर्ज़ किया और बाद में मामला सीबीआई को जांच के लिए सौंप दिया गया।