चंडीगढ़,
28 मई, 2019
कृषि पर चल रही सब्सिडी को कम करने के लिए, हरियाणा बिजली विनियामक आयोग (एचईआरसी) ने स्वत पहल करते हुए कृषि के अलावा यदि किसी किसान की अन्य स्रोत से 20 लाख रुपए सालाना से अधिक आय है तो उसको स्वैच्छिक तौर पर कृषि सब्सिडी छोडऩे का आग्रह किया गया है।
वहीं, सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए एचईआरसी ने कहा है कि जो घरेलू उपभोक्ता रूफ टॉप सोलर सिस्टम लगाता है उसको एक रुपया प्रति यूनिट का लाभ दिया जाएगा।
इसके अतिरिक्त एचईआरसी ने बिजली वितरण कंपनियों को कहा है कि 31 मार्च से पहले के सभी लंबित बिजली कनेक्शनों को एक माह के अंदर जारी करें, इस मामले में यदि कोई कोताही बरती गई तो उसके लिए सख्त प्रावधान तय किए गए हैं।
आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि एचईआरसी चेयरमैन जगजीत सिंह और सदस्य परविंदर सिंह चौहान ने उत्तर/दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम की वार्षिक राजस्व प्राप्ति (एआरआर) के लिए दायर की गई याचिका पर अपना निर्णय दे दिया है। एचईआरसी के आर्डर में बिजली उपभोक्ताओं पर किसी प्रकार का कोई अतिरिक्त भार नहीं डाला गया है, बिजली की दरें ज्यों की त्यों रहेंगी।
एचईआरसी की दरें जो पहले थी, वहीं अब रखी गई हैं। हालांकि एचईआरसी ने एआरआर पर अपना आर्डर 7 मार्च को ही जारी कर दिया था, लेकिन लोकसभा चुनाव के चलते लगी आदर्श आचार संहिता के चलते यह आर्डर उस समय सुरक्षित रख लिया गया था, जिसको मंगलवार को जारी किया गया। एचईआरसी का यह आर्डर 1 मई से लागू होगा।
एचईआरसी के इस आर्डर से करीब 65 लाख बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिली है। एचईआरसी के आदेश में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है
कृषि पर चल रही सब्सिडी को कम करने के लिए एचईआरसी
यहां यह बता दें कि हरियाणा में सभी प्रकार के 65 लाख 2 हजार 46 बिजली उपभोक्ता हैं, इसमें से 50 लाख 82 हजार 782 घरेलू उपभोक्ता हैं, गैर घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या 6 लाख 46 हजार 977 हैं, कृषि के उपभोक्ता 6 लाख 38 हजार 28 हैं तथा इंडस्ट्री के उपभोक्ताओं की संख्या 10 लाख 7 हजार 970 है।