हरियाणा बजट: 1.32 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश, कोई नया कर नहीं, देखिये किस विभाग को क्या मिला

चंडीगढ़,
25 फरवरी,2019 

हरियाणा के विधानसभा के चालू सत्र के दौरान आज प्रदेश के लिए वर्ष 2019-20 हेतु 1,32,165.99 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव पेश किया गया।

हालंकि बजट में कोई बड़ी घोषणा नहीं की गयी है परन्तु कोई नया कर भी नहीं लगाया गया है।

मौजूदा बजट, वर्ष 2018-19 के बजट अनुमान 1,15,198.29 करोड़ रुपये के परिव्यय पर 14.73 प्रतिशत और संशोधित अनुमान 2018-19 के 1,20,375.40 करोड़ रुपये से 9.79 प्रतिशत अधिक है।

इस बजट परिव्यय में 37,924.09 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय के रूप में 28.7 प्रतिशत और 94,241.90 करोड़ रुपये के राजस्व व्यय के रूप में 71.3 प्रतिशत परिव्यय शामिल है।

1.32 लाख करोड़ रुपये के कुल बजट में से 46562.37 करोड़ रुपये प्रदेश में क्रियान्वित किए जा रहे 15 सतत विकास लक्ष्यों से सम्बन्धित योजनाओं के लिए आवंटित किए गए हैं।

कृषि और संबद्ध क्षेत्र

बतौर वित्त मंत्री अपना पांचवा बजट पेश करते हुए कैप्टन अभिमन्यु ने कृषि एवं सम्बद्ध गतिविधियों के लिए बजट अनुमान 2019-20 में 3834.33 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव पेश किया, जोकि बजट अनुमान 2018-19 के 3670.29 करोड़ रुपये की तुलना में 4.5 प्रतिशत की वृद्धि है। इसमें कृषि क्षेत्र के लिए 2210.51 करोड़ रुपये, पशुपालन के लिए 1026.68 करोड़ रुपये, बागवानी के लिए 523.88  करोड़ रुपये, और मत्स्य पालन के लिए 73.26 करोड़ रुपये का परिव्यय शामिल है।

सहकारिता


सरकार का वर्ष 2020-21 तक 750 करोड़ रुपये की कुल लागत से शाहबाद चीनी मिल में 60 केएलपीडी का एथनोल प्लांट लगाने और सहकारी चीनी मिल पानीपत और करनाल का आधुनिकीकरण करने का प्रस्ताव है।

2019-20 के लिए 1396.21 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव पेश किया गया है जो बजट अनुमान 2018-19 के 802.07 करोड़ रुपये के परिव्यय से 74.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।


राजस्व एवं आपदा प्रबंधन

2019-20 में 1512.42 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव है जो बजट अनुमान 2018-19 के 1053.95 करोड़ रुपये की तुलना में 43.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। कैप्टन अभिमन्यु ने बताया कि कैथल, जींद और सोनीपत में आधुनिक रिकॉर्ड रूम स्थापित किए गए हैं। सभी जिलों और राज्य मुख्यालय तक इस पहल का विस्तार किया जा रहा है।

स्वास्थ्य 

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण क्षेत्र के लिए वर्ष 2019-20 में 5,040.65 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव करता हूँ, जोकि वर्ष 2018-19 के 4,486.91 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान परिव्यय पर 12.3 प्रतिशत की वृद्धि है। प्रस्तावित परिव्यय में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के लिए 3,126.54 करोड़ रुपये, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान के लिए 1,358.75 करोड़ रुपये, आयुष के लिए 337.2 करोड़ रुपये, कर्मचारी राज्य बीमा स्वास्थ्य देखभाल के लिए 172.49 करोड़ रुपये और खाद्य एवं औषध प्रशासन के लिए 45.67 करोड़ रुपये शामिल हैं।

शिक्षा

2019-20 में मौलिक और माध्यमिक शिक्षा के लिए कुल 12,307.46 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव पेश किया गया है, जो संशोधित बजट 2018-19 के 11,256 करोड़ रुपये पर 9.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्षाता है। उच्च शिक्षा के लिए, वर्ष 2019-20 के लिए 2,076.68 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव है, जो बजट अनुमान 2018-19 पर 17.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्षाता है।


ग्रामीण विकास

वर्ष 2019-20 के लिए 5194.16  करोड़ रुपये का परिव्यय प्रस्तावित किया गया है, जो बजट अनुमान 2018-19 के 4,277.40 करोड़ रुपये के परिव्यय से 21.4 प्रतिशत अधिक है।


गृह

5,150.51 करोड़ रुपये का परिव्यय प्रस्तावित किया गया है, जो बजट अनुमान 2018-19 के 4,791.14 करोड़ रुपये के परिव्यय से 7.5 प्रतिषत अधिक है। प्रस्तावित परिव्यय में पुलिस के लिए 5058.61 करोड़ रुपये, गृह रक्षी के लिए 32.49 करोड़ रुपये और राज्य सर्तकता ब्यूरो के लिए 59.41 करोड़ रुपये शामिल हैं। इसके अलावा न्याय प्रशासन के लिए 1201.26 करोड़ रूपये और कारागार के लिए 398.47 करोड़ रूपये का प्रावधान है।

तकनीकी शिक्षा

2019-20 में तकनीकी षिक्षा विभाग के लिए 512.72 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव है, जोकि संशोधित अनुमान 2018-19 के 465.70 करोड़ रुपये पर 10.1 प्रतिशत की वृृद्धि दर्शाता है।

खेल एवं युवा मामले 

अनुमान 2019-20 में खेल एवं युवा मामले विभाग के लिए 401.17 करोड़ रुपये की राशि आवंटित करने का प्रस्ताव जोकि संशोधित अनुमान 2018-19 पर 13.9 प्रतिशत की वृृद्धि दर्शाता है।

कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण

बजट अनुमान 2019-20 में कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के लिए 680.6 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव है जोकि संशोधित अनुमान 2018-19 के 547.83 करोड़ रुपये के परिव्यय पर 24.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

रोज़गार

रोजगार विभाग के लिए 365.20 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव है जोकि बजट अनुमान 2018-19 के 241.44 करोड़ रुपये के परिव्यय से 51.3 प्रतिशत अधिक है।

श्रम 

58.57 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव है। 

सिंचाई एवं जल संसाधन

3,324.51 करोड़ रुपये का परिव्यय प्रस्तावित है, जोकि संशोधित अनुमान 2018-19 के 3,130.63 करोड़ रुपये के परिव्यय से 6.2 प्रतिशत अधिक है।

बिजली 
विभाग के 12988.61 करोड़ रुपये और नव एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के लिए 475.91 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। बिजली सम्प्रेषण प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए, वर्ष 2019-20 में 19 सब-स्टेशन बनाने, 89 मौजूदा सब-स्टेशनों की क्षमता बढ़ाने तथा 1000 से अधिक सर्किट किलोमीटर सम्प्रेषण लाइनें बिछाने की योजना बनाई गई है।

नव एवं नवीकरणीय ऊर्जा

राज्य सरकार द्वारा प्रदेष में जैव ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए मार्च, 2018 में एक जैव ऊर्जा नीति अधिसूचित की गई। इस नीति के तहत वर्ष 2022 तक 150 मेगावाट की परियोजनाएं स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राज्य सरकार किसानों की सिंचाई जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्हें सौर वाटर पंपिंग सिस्टम प्रदान करने की एक योजना लागू कर रही है। इस योजना के तहत किसानों को 2 एचपी और 5 एचपी के सौर वाटर पम्पिंग सिस्टम प्रदान किए जाएंगे, जिन पर 75 प्रतिशत राज्य सब्सिडी होगी तथा 25 प्रतिशत राशि उपयोगकर्ता द्वारा वहन की जाएगी।

सरकार की 3 एचपी से 10 एचपी क्षमता के 50,000 ऑफ-ग्रिड सोलर पंप स्थापित करने की योजना है जिसे 75 प्रतिशत राज्य सब्सिडी के साथ नाबार्ड से ऋण लेकर दो चरणों में लागू किया जाएगा। वर्ष 2018-19 में प्रथम चरण में 15,000 पंप और वर्ष 2019-20 में दूसरे चरण में 35000 पंप लगाने की योजना है।

लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें)
3626.21 करोड़ रुपये का परिव्यय प्रस्तावित है, जोकि बजट अनुमान 2018-19 के 3169.70 करोड़ रुपये की तुलना में 14.4 प्रतिशत अधिक है।

नागरिक उड्डयन 

214.10 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव है, जोकि संशोधित अनुमान 2018-19 के 141 करोड़ रुपये के परिव्यय से 51.9 प्रतिशत अधिक है।


उद्योग एवं वाणिज्य

406.72 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव है जोकि बजट अनुमान 2018-19 में 399.86 करोड़ रुपये था।

शहरी स्थानीय निकाय

2019-20 के लिए 3994.95 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

नगर एवं ग्राम आयोजना 

1,873.79 करोड़ रुपये का परिव्यय आवंटित किया गया है, जोकि संशोधित अनुमान 2018-19 के 1,364.24 करोड़ रुपये के परिव्यय से 37.4 प्रतिशत अधिक है।

सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषाएं 

सरकार ने 60 वर्ष से अधिक की आयु वाले तथा 20 वर्ष से अधिक के अनुभव वाले मान्यता प्राप्त मीडिया कर्मियों को 10,000 रुपये की मासिक पेंशन प्रदान करने के लिए एक योजना लागू की है। इस योजना के तहत 118 मीडिया कर्मियों की पेंशन स्वीकृत की जा चुकी है। मान्यता प्राप्त मीडिया कर्मियों के लिए 5 से 20 लाख रुपये तक का सावधि/समूह बीमा शुरू किया गया है।

वर्तमान सरकार हरियाणा को फिल्म-संबंधी गतिविधियों के केंद्र के रूप में विकसित करने के कार्य में लगी हुई है। प्रदेश को फिल्म अनुकूल राज्य बनाने के लिए एक फिल्म नीति लागू की गई है। विभाग के लिए 216.96 करोड़ रुपये का परिव्यय आवंटित किया गया है।

अनुसूचित जातियों एवं पिछड़े वर्गों का कल्याण तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता 

अनुसूचित जातियों एवं पिछड़े वर्गों के कल्याण तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता क्षेत्र के लिए 7199.32 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव है जोकि संशोधित अनुमान 2018-19 के 6348.62 करोड़ रुपये की तुलना में 13.4 प्रतिशत की वृृद्धि दर्शाता है।

महिला एवं बाल कल्याण विभाग 

1504.98 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव है, जोकि संशोधित अनुमान 2018-19 के 1317.10 करोड़ रूपये के परिव्यय से 14.3 प्रतिशत अधिक है।

सैनिक एवं अर्ध-सैनिक कल्याण  
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि यह बड़े गर्व की बात है कि देश में हर दसवां जवान हरियाणा राज्य से है। युद्ध में शहीद हुए वीरों के 63 आश्रितों को वर्ष 2018-19 के दौरान सरकारी नौकरियां दी गई हैं। सरकार प्रतिरक्षा कार्मिकों, अर्ध-सैनिक बलों, भूतपूर्व सैनिकों और युद्ध विधवाओं को सभी अनुदानों की समय पर अदायगी सुनिष्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। शहीदों के परिवारों की सहायता के लिए पिछले चार वर्षों में शहीदों के आश्रितों को 273 नौकरियां दी गई हैं।

उन्होंने कहा कि मैं, वन रैंक वन पेंषन प्रदान करने के लिए तथा वन रैंक वन पेंशन के विरूद्ध वयोवृद्ध सैनिकों के खाते में 35,000 करोड़ रुपये जमा करवाने के लिए भारत सरकार का धन्यवाद भी करता हूँ। मैं, नई दिल्ली में इंडिया गेट पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक बनाने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करता हूँ। भूतपूर्व सैनिकों की यह युद्ध स्मारक बनाने की चिरलम्बित मांग थी। आजादी के बाद यह पहला युद्ध स्मारक है।

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