चंडीगढ़,
04 मार्च, 2021
अविश्वास प्रस्ताव, एमएसपी गारंटी बिल, कई स्थगन और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाएगी कांग्रेस- हुड्डा ,
किसान, बेरोजगारी, डोमिसाइल, अपराध, शराब व रजिस्ट्री घोटाले के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी
हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र इस बार खूब हंगामेदार रहेगा, मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस कल से शुरू हो रहे इस सत्र में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, एमएसपी गारंटी बिल, कई स्थगन और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाने जा रही है।
आज चंडीगढ़ स्थित आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, “सरकार से किसानों की अनदेखी, बढ़ती बेरोजगारी, डोमिसाइल के नियमों में फेरबदल, बढ़ते अपराध, पेपर लीक, शराब व रजिस्ट्री घोटाले जैसे मुद्दों पर जवाब मांगा जाएगा।”
हुड्डा ने बताया कि कांग्रेस कल ही स्पीकर को अविश्वास प्रस्ताव दे देगी। उसके बाद वो तय करेंगे कि इसपर कब वोटिंग और चर्चा करवानी है। विपक्ष की मांग है कि सत्र के दौरान जनहित से जुड़े तमाम मुद्दों पर चर्चा की जाए और सभी विधायकों को पूरा वक्त मिले। हर मोर्चे पर विफल बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार को सदन में शराब, रजिस्ट्री, भर्ती, पेपर लीक, माइनिंग जैसे तमाम घोटालों पर जवाब देना होगा।
हुड्डा ने कहा कि, “जिस तरह सरकार लगातार किसान आंदोलन की अनदेखी और किसानों पर अत्याचार कर रही है, कांग्रेस उसे सदन में आईना दिखाने का काम करेगी। किसानों को एमएसपी का अधिकार दिलवाने के लिए एपीएमसी एक्ट में संशोधन के लिए एक प्राइवेट मेंबर बिल लाया जाएगा।”
हालहि में लाए गए 75 प्रतिशत आरक्षण एक्ट को हरियाणा के युवाओं के साथ सबसे बड़ा धोखा करार देते हुए हुड्डा ने कहा, “वास्तव में ये एक जुमले के सिवाए कुछ नहीं है। क्योंकि इस कानून के सेक्शन-5 में उद्योगपति को सरकार ने पहले ही बाईपास दे दिया है। सेक्शन-5 में प्रावधान है कि विशेष योग्यता और दक्षता का बहाना बनाकर कोई भी उद्योगपति स्थानीय युवाओं को आरक्षण से वंचित कर सकता है। इतना ही नहीं ये कानून लागू होने से पहले ही गठबंधन सरकार ने हरियाणा रिहायशी प्रमाण पत्र के नियमों में फेरबदल करके प्रदेश के युवाओं के हक पर कुठाराघात करने का काम कर दिया। नई नियमों के मुताबिक अब किसी भी राज्य का व्यक्ति बड़ी आसानी से हरियाणा डोमिसाइल हासिल कर सकता है। इसके आधार पर अन्य राज्य के लोग ना सिर्फ आरक्षित 75 प्रतिशत प्राइवेट नौकरियां बल्कि एससी-बीसी समेत सभी आरक्षित श्रेणी की सरकारी नौकरियां भी हासिल कर सकते हैं।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि इस सरकार में ना तो किसान को फसलों का दाम मिल रहा है, ना युवा को रोजगार, ना मजदूर को काम और ना कर्मचारी को सम्मान मिल रहा है। सरकार हर वर्ग के अधिकारों के साथ खिलवाड़ करने में लगी है।