चंडीगढ़
1 नवंबर , 2018
सरकार और हड़ताली रोडवेज कर्मचारियों के बीच कोई सुलह की सूरत नज़र आ रही और अब हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी ने वर्तमान सरकार पर हठधर्मिता का आरोप हुए हड़ताल को चार नवम्बर तक बढ़ाने का ऐलान किया है।
इसके साथ ही तालमेल कमेटी ने 4 नवम्बर को ही जींद में ‘रोडवेज बचाओ-रोजगार बचाओ’ के नाम से राज्यस्तरीय रैली करने की भी घोषणा की है।
तालमेल कमेटी ने वर्तमान सर्कार पर कर्मचारियों का उत्पीडऩ करने व जनहितों को नजरअंदाज करके के अपने चहेतों को निजी रूट परमिट देने का आरोप लगाया है।
आज एक संयुक्त बयान में तालमेल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य दलबीर किरमारा, विरेन्द्र धनखड़, हरिनारायण शर्मा, अनूप सहरावत, बाबूलाल यादव, जयभगवान कादियान, सरबत सिंह पूनिया, आजाद गिल, नरेन्द्र दिनोद, ओमप्रकाश ग्रेवाल व रमेश सैनी ने बताया कि प्रदेश में लंबी चल रही हड़ताल व जनता को हो रही असुविधा के लिए सीधे रूप से सरकार जिम्मेवार है। सरकार के लिए कर्मचारियों, विभाग या जनता के हित कोई मायने नहीं रखते बल्कि उसका एकमात्र लक्ष्य केवल अपने चहेतों को फायदा पहुंचाना है। इसी के चलते सरकार महंगी दरों पर 720 बसें हायर करके परिवहन विभाग को निगम में तब्दील करना चाहती है।
तालमेल कमेटी नेताओं ने प्रदेश में जगह-जगह रोडवेज कर्मचारियों के धरनास्थल से टेंट उखाडऩे, उनके आंदोलन को बाधित करने व उनकी गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह छापेमारी करके आतंक जैसा माहौल पैदा करने की निंदा की और कहा कि इससे कर्मचारी डरने वाले नहीं है।
तालमेल कमेटी नेताओं ने कहा कि ‘रोडवेज बचाओ-रोजगार बचाओ’ के नाम से होने वाली रैली में आगामी आंदोलन की घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा कि रैली में हड़ताल के समर्थन में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा, हरियाणा संयुक्त कर्मचारी संघ, हरियाणा कर्मचारी महासंघ, ग्राम पंचायतों, परिषदों व खाप प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है।
उन्होंने कहा कि रैली में सरकार द्वारा 720 निजी बसें हायर करने में किये गए बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रोडवेज कर्मचारी अपनी सारी मांगों व समस्याओं को छोड़कर केवल एक ही मांग पर हड़ताल पर है। कर्मचारी नेताओं ने दोहराया कि सरकार यदि अब भी प्रदेश का माहौल सौहार्दपूर्ण रखना चाहती है तो सबसे पहले किलोमीटर स्कीम के तहत महंगी दरों पर हायर की जा रही बसों को हटाने की घोषणा करके कर्मचारियों पर की गई तमाम उत्पीडऩ की कार्रवाही वापिस लें अन्यथा दमनकारी नीतियों से कर्मचारी किसी भी कीमत पर झुकने वाले नहीं है।