चंडीगढ़,
19 नवंबर
आगामी 17 दिसंबर को कांग्रेस पार्टी सिरसा में किसान-मजदूर आक्रोश रैली करेगी।
किसान-मजदूर आक्रोश रैली का मकसद किसान आंदोलन के दौरान किसानों और सरकार के बीच हुए समझौते को लागू कराना होगा।
किसान आंदोलन में शहीद हुए किसान-मजदूरों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए राज्यसभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने रविवार को सिरसा में यह ऐलान किया।
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा, “दो साल पहले सरकार और किसान संगठनों के बीच जो समझौता हुआ था उसे अब तक लागू नहीं किया गया। सरकार देश में प्रजातंत्र का गला घोंटने का काम कर रही है। किसान आंदोलन में अपनी किसानी, आजीविका बचाने के लिये 750 किसानों-मजदूरों ने जान की कुर्बानी दे दी। किसान-मजदूर की ताकत ने अहिंसा, अनुशासन व शांति के रास्ते पर चलकर इस सरकार को झुकाने का काम किया। किसान-मजदूर आक्रोश रैली के माध्यम से हम किसानों की आवाज बुलंद करेंगे और सरकार को किसानों के साथ हुआ समझौता लागू करने पर मजबूर करेंगे। हमारे जो किसान-मजदूर शहीद हुए थे उन्हें याद कर हम इस सरकार को किसान आंदोलन में दी गयी कुर्बानियों को भुलाने नहीं देंगे और उनकी शहादत को बेकार जाने नहीं देंगे।”
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि दो वर्ष बीत जाने के बाद भी सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया, किसान अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। सरकार की नीयत साफ नहीं है इसके खिलाफ देश भर के किसानों और मजदूरों में जबरदस्त आक्रोश है।
उन्होंने याद दिलाया कि दो साल पहले आज ही के दिन प्रधानमंत्री ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेकर किसानों की मांगे मानने का एलान किया था। जिसके बाद बनी कमेटी के नाम पर देश के किसान-मजदूरों को धोखा दिया गया। आंदोलन में अपनी जान की कुर्बानी देने वाले 750 किसानों के परिवारों को नौकरी देने की बात पर भी हरियाणा में अमल नहीं हुआ। किसान-मजदूर, आढ़ती को सरकार की अनदेखी का सामना करना पड़ रहा है।