चंडीगढ़,
10 नवंबर, 2018
“उत्तराधिकार की लड़ाई” को लेकर हरियाणा के जाने-माने चौटाला परिवार के सदस्यों के बीच पनपी खाई आए दिन गहराती जा रही हैl
हाल ही में इंडियन नैशनल लोकदल (इनेलो) से निष्कासित हिसार सांसद व चौटाला परिवार की वर्तमान पीढ़ी के नेता दुष्यंत चौटाला ने बिना नाम लिए, पार्टी में अपने सबसे बड़े विरोधी अभय सिंह चौटाला को ‘जयचन्द’ की उपाधि देते हुए उन पर अपने निष्कासन का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया हैl
आज यहाँ एक पत्रकार सम्मलेन को सम्बोधित करते हुए दुष्यंत चौटाला ने कहा कि “मैंने, दिग्विजय सिंह ने व मेरी माताजी नैना सिंह ने जननायक स्वर्गीय देवी लाल की विचारधारा को आगे ले जाने के लिए निरन्तर प्रयास किए, मगर कुछ जयचन्द ऐसे भी हैं जो इस प्रयास में थे की किस प्रकार से हमारे इस संघर्ष को तोड़ा जाए और हमें पार्टी से बाहर निकाला जाएl”
यही नहीं, दुष्यंत ने ये आरोप भी लगाया के वो लोकसभा में प्रदेश के लोगों की समस्याओं से जुड़े मुद्दे उठाते रहे हैं जबकि वो मुद्दे कभी भी विधानसभा के पटल पर नहीं उठाये जाते बल्कि विधानसभा के पटल पर विपक्ष द्वारा भी सत्तारूढ़ दल बीजेपी की भाषा ही बोली जाती हैl
गौरतलब है की दुष्यंत क़े चाचा अभय सिंह चौटाला हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं तो जाहिर है की विधानसभा में जनहित के मुद्दे न उठाने और बीजेपी की भाषा बोलने का आरोप लगते समय भी दुष्यंत का इशारा अभय सिंह की तरफ ही थाl
अपने निष्कासन को लेकर भी दुष्यंत चौटाला ने पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं पर षड़यंत्र का आरोप लगते हुए कहा की उनके सस्पेंशन लेटर (निष्कासन पत्र) भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश चौटाला के हस्ताक्षर नहीं हैंl
दुष्यंत ने कहा की उन्हें विश्वास है की निष्कासन का फैसला ओम प्रकाश चौटाला का नहीं थाl उन्होंने 7 अक्टूबर को गोहाना रैली के दौरान समर्थकों पर लगे अनुशासनहीनता व हुड़दंग के आरोपों को भी सिरे से नकाराl
इनेलो में अपने विरोधियों पर निशाना साधते हुए दुष्यंत चौटाला ने कवित्वपूर्ण ढंग में अपने इरादों को साफ़ करते हुए कहा,
“वक़्त का रुख बदलना आता है,
काँटों पर भी चलना आता है,
अभिमन्यु समझ कर कुछ लोगों रच दिया चक्रव्यूह,
हमें मिलकर चक्रव्यूह तोड़ना भी आता है”
दुष्यंत ने कहा कि आने वाली 17 नवंबर को उनके पिता व वरिष्ठ इनेलो नेता अजय सिंह चौटाला जींद में उनकी आगे की रणनीति पर अंतिम फैसला लेंगेl
इनेलो की अंतर्कलह पिछले महीने खुलकर सामने आई जब स्वर्गीय देवी लाल के सम्मान में गोहाना में आयोजित एक रैली में अभय सिंह चौटाला के भाषण के दौरान दुष्यंत के समर्थकों ने जमकर नारेबाजी कीl
इसके बाद अभय सिंह चौटाला और दुष्यंत चौटाला के समर्थक पार्टी के कार्यकर्मों मे ख़ुलकर एक-दूसरे के सामने होने लगेl
मामले की गंभीरता से लेते हुए पहले शीर्ष नेतृत्व द्वारा पार्टी की युवा इकाई व छात्र इकाई इंडियन नेशनल स्टूडेंट आर्गेनाईजेशन (इनसो) को भंग किया गया और फिर 2 नवंबर को दुष्यंत और दिग्विजय की पार्टी सदस्यता भी रद्द कर दी गयीl
हालांकि पार्टी के कईं वर्तमान व भूतपूर्व विधायक दुष्यंत के पक्ष में खुलकर सामने आ गए जबकि दर्जनों युवा इनेलो नेता अपने-अपने पदों से इस्तीफे देते हुए दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व पर विश्वास जाता चुके हैंl
यहाँ तक कि, तिहाड़ जेल से बाहर आते ही अजय सिंह चौटाला ने भी अपने सुपुत्रों दुष्यंत और दिग्विजय के समर्थन में हुंकार भर दी हैl अजय सिंह आजकल प्रदेश भर में अपने समर्थकों से मिल रहे हैंl