देवीलाल की विरासत के सहारे राजनीतिक अखाड़े में उतरे दुष्यंत

चंडीगढ़,
10 दिसम्बर, 2018

इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) से निष्कासित हिसार के सांसद दुष्यंत चौटाला आखिरकार अपनी अलग पार्टी के साथ प्रदेश के राजनीतिक अखाड़े में उतर गए हैंl

रविवार को जींद के पाण्डु-पिंडारा में विशाल रैली के साथ दुष्यंत और उनके समर्थकों ने अपने नये दल ‘जननायक जनता पार्टी’ का आगाज़ कियाl

चौटाला परिवार व उसके द्वारा संचालित इनेलो में उत्तराधिकार की लड़ाई को लेकर पनपे विवाद में अपने दादा इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला व चाचा अभय सिंह चौटाला की उदासीनता के शिकार हुए दुष्यंत चौटाला ने अपने परदादा व आमजन के नेता माने जाने वाले पूर्व-प्रधानमंत्री देवीलाल की विरासत को अपना राजनीतिक सहारा बनाने का निर्णय लिया हैl

‘जननायक’ शब्द को आधार बना कर नयी पार्टी का शीर्षक तैयार कर व नये दल प्रारम्भ के दौरान देवीलाल को फोटो वाले ‘जननायक जनता पार्टी’ के झंडे का अनावरण कर दुष्यंत ने देवीलाल की विरासत पर अपनी दावेदारी भी ठोक दी हैl

इस अवसर के लिए जींद का चुनाव करने के पीछे भी कारण यही था कि जींद को देवीलाल की कर्मभूमि माना जाता है और जननायक के नक़्शे कदम पर चलने का दावा करने वाले दुष्यंत भी अपने नये राजनीतिक सफर की शुरुआत वहीँ से करने का फैसला लियाl

शायद दुष्यंत के सलाहकार इस बात से भली-भांति परिचित हैं की इनेलो के वोट बैंक पर अपना वर्चस्व स्थापित करने और ग्रामीण हरियाणा के दिलों में जगह बनाने के लिए उनके पास सबसे बेहतर विकल्प ‘जननायक देवीलाल’ का नाम और नारा ही हैl

इनेलो का संचालन करने वाला चौटाला परिवार अब दो दलों में बंट गया हैl वर्तमान में इनेलो की बागडोर संभाल रहे हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला के साथ पार्टी के मौजूदा विधायकों पार्टी का बहुमत होने के साथ-साथ प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोरा, रामपाल माजरा व अन्य कईं वरिष्ठ नेताओं का समर्थन का समर्थन तो है ही, कईं वर्षों का राजनीतिक अनुभव भी है परन्तु राजनीतिक मतभेदों के चलते परिवार और पार्टी से अलग रुख़ करने वाले युवा दुष्यंत अपने साथ इनेलो से भारी संख्या में युवा नेताओं को तो साथ ले ही गए हैं, बल्कि कईं वरिष्ठ नेता भी दुष्यंत खेमे का हिस्सा बन चुके हैंl

माँ नैना चौटाला, राजदीप फोगाट और अन्य कईं मौजूदा इनेलो विधायकों का समर्थन हासिल करने के साथ-साथ, कभी इनेलो के प्रबुद्ध मण्डल (think tank) के अहम हिस्सा मने जाने वाले के सी बांगड़ व अन्य इनेलो नेताओं को अपनी तरफ करने वाले दुष्यंत ने यह भी साफ़ कर दिया है कि वो भविष्य में इनेलो में सेंध लगाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ेंगेl

हालंकि कुछ राजनीतिक विशेषज्ञों का ये भी मानना है कि इनेलो में सम्मान की कमी महसूस करने वाले नेताओं ने ही सिर्फ दुष्यंत खेमे का रुख किया है परन्तु दुष्यंत की बढ़ती लोकप्रियता को भी नाकारा नहीं जा सकता हैl देवीलाल की नीतियों पर चलने वाले इनेलो समर्थक दुष्यंत की सहजता से काफी प्रभावित हैंl

बहरहाल ‘उत्तराधिकार की लड़ाई’ में अभय सिंह व दुष्यंत दोनों ने ही चौटाला परिवार की राजनीतिक विरासत पर अपनी-अपनी दावेदारी प्रबल कर दी है पर अब देखना यह है कि आने वाले समय में इनेलो के समर्थक किसको जननायक की विरासत का असली हक़दार किसे मानते हैं और लोग किसकी दवेदारी पर मोहर लगते हैl

जींद रैली में दुष्यंत चौटाला ने घोषणा की कि अगर भविष्य में उनको सत्ता में आने का अवसर मिलता है तो किसानों का सहकारी बैंकों का पूरा कर्जा माफ होगा, प्रदेश में स्थित कारखानों, कंपनियों में 75 प्रतिशत नौकरियां सिर्फ हरियाणा के लोगों के लिए आरक्षित होंगी, बुढ़ापा पेंशन के लिए आयु योग्यता घटाई जाएगी, कर्मचारियों की मौजूद पेंशन योजना (NPS )को ख़त्म कर पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाएगी, खेती के लिए बिना देरी, बिना पैसों के ट्यूबल कनेक्शन दिए जायेंगे, व्यापारियों के लिए व्यापारी आयोग का गठन होगा व हरियाणा के सभी गांवों में RO पानी की व्यवस्था की जाएगी।

उधर नए राजनीतिक दल के गठन पर निशाना साधते हुए अभय सिंह चौटाला ने कहा है कि कुछ दिन बाद इसका बिखराव भी शुरू हो जाएगाl

अभय चौटाला ने कहा है पार्टी तो पहले ही बन गई थी जींद में तो एलान किया गया हैl उन्होंने कहा है कि ये लोग 2007 से ही अलग चल रहे थे और जननायक सेवा दल इनसो जैसे संगठन चला रहे थेl

इनेलो में अंतर्कलह 7 अक्टूबर को खुलकर जानत के बीच आई जब गोहाना में आयोजित पार्टी की रैली अभय सिंह के भाषण के दौरान नारेबाजी हुईl कथित हुड़दंग के लिए दुष्यंत और उनके भाई दिग्विजय को अनुशाशनहीनता के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गयाl बाद में अजय सिंह चौटाला को भी इनेलो से निष्कासित कर दिया गयाl

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