चंडीगढ़,
हरियाणा विधानसभा चुनाव में स्पष्ट बहुमत हासिल कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) प्रदेश में राजनीतिक इतिहास रचते हुए लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है.
नायब सैनी की अगुवाई में भाजपा ने कुल 90 विधानसभा में से 48 सीटों पर जीत दर्ज कर न केवल विरोधी दलों बल्कि तमाम राजनीति विशेषज्ञों को भी आश्चर्यचकित कर छोड़ा है.
मोटे तौर पर भाजपा हरियाणा में पिछड़ा वर्ग (ओबीसी जातियों) व गरीब तमगे खासकर दलित वोटरों का साथ पाने में सफल रही. जीटी रोड़ बेल्ट और अहीरवाल क्षेत्र ने भी बीजेपी में खुलकर विश्वास जताया है.
बहरहाल, चुनावी जीत के बाद अब मंत्रिमंडल गठन की तरफ सबकी नजरें हैं और जाहिर तौर पर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी जातीय समीकरण को ध्यान में रखकर ही नई सरकार में विधायकों को तवज्जो देगा.
जैसा की चुनाव से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पंचकुला में घोषणा की थी कि उनकी पार्टी हरियाणा में नायब सैनी के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेगी और वैसा ही हुआ तो निश्चित तौर पर सैनी ही मुख्यमंत्री के लिए पार्टी की प्रथम पसंद (फर्स्ट चॉइस) रहने वाले हैं.
वैसे भी अब चाहे कोई भाजपा की विधानसभा विजय को “मनोहरी जीत” कहे या कुछ भी, एक बात तो साफ है कि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री के तौर पर मिले छोटे से कार्यकाल में नायब सैनी ने प्रशासनिक फ्रंट पर चीजों को दुरुस्त करने का भरसक एवं ईमानदार प्रयास कर जनता के दिल में जगह बनाने की सकारात्मक कोशिश की और शायद हरियाणा की जनता ने इस पर अपनी मुहर भी लगा दी है और शायद आगामी 12 अक्टूबर शपथग्रहण समारोह में सैनी ही प्रदेश के राजनीतिक मुखिया के रूप में शपथ लेंगे.
नायब सैनी के अलावा वरिष्ठता व जातीय समीकरण के हिसाब से नए मंत्रिमंडल में अंबाला छावनी से विधायक एवं वरिष्ठ नेता अनिल विज का नाम दूसरे नंबर पर माना जा रहा है.
विज के अलावा पानीपत ग्रामीण विधानसभा से विधायक महिपाल ढांडा, अटेली से एमएलए आरती राव, फरीदाबाद एमएलए विपुल गोयल, इसराना से चुने गए कृष्णलाल पंवार, गोहाना विधायक अरविंद शर्मा, तोशाम विधायक श्रुति चौधरी, बादशाहपुर एमएलए राव नरबीर, घरौंडा से विधायक हरविंद्र कल्याण मुख्य तौर पर संभावित नाम हैं.
इनके अलावा, नरवाना से जीते कृष्ण बेदी, तिगांव विधानसभा से लगातार दूसरी बार विजयी हुए राजेश नागर, चरखी दादरी विधायक सुनील सांगवान एवं रादौर एमएलए श्याम सिंह राणा भी मंत्रीपद की दौड़ में शामिल हैं.
सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में उपमुख्यमंत्री के लिए भी उक्त नामों में से एक या दो नामों का चयन हो सकता है.
बहरहाल, नायब सैनी ने बुधवार को नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की.