चंडीगढ़,
3 नवंबर,2018
चौटाला परिवार में मतभेदों के चलते संकट का शिकार हुए हरियाणा के मुख्य विपक्षी दल, इंडियन नैशनल लोकदल (इनेलो) ने प्रदेश की राजनीति को रोमांचक मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है, जहाँ पार्टी के युवा सितारों दुष्यंत व दिग्विजय चौटाला के निष्काशन के बाद विभिन्न पदों से उनके समर्थकों द्वारा इस्तीफों की झड़ी लग गयी है तो वहीँ अन्य दलों और राजनीतिक विशेषज्ञों की नज़र अब इस बात पर टिकी है कि क्या अनुशासनहीनता के आधार पर अपने दोनों पोतों की सदस्यता रद्द करने वाले इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला अब बग़ावती तेवर दिखने वाले इनेलो विधायकों को भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाएंगे या नहीं?
मतलब साफ़ हैl अगर दुष्यंत और दिग्विजय की भाँति, अनुशासनहीनता के आधार पर पार्टी के कुछ विधायकों के खिलाफ कारवाही कर निष्कासन का फैंसला लिया जाता है तो सीधे-सीधे हरियाणा विधान सभा में इनेलो के हिस्से आई नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर खतरा मँडराता हैl
गौरतलब है कि इनेलो विधायक नैना चौटाला, राजदीप फौगाट, अनूप धानक खुलकर दुष्यंत चौटाला के पक्ष में आ चुके हैं तो वहीँ फरीदाबाद के एनआईटी से इनेलो विधायक नगेंदर भड़ाना पहले ही पार्टी से अपने बग़ावती तेवर को लेकर चर्चा में हैं, जबकि जींद से पार्टी के विधायक हरिचंद मिढा का निधन हो चुका हैl
मिढा के निधन के बाद 90 सदस्यों वाली हरियाणा विधान सभा में इनेलो के अब कुल 18 विधायक हैं, तो अन्य विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी के 17 एमएलए हैंl सत्तारूढ़ बीजेपी के 47 , शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी का एक-एक, तो पांच विधायक निर्दलीय हैंl
ऐसे में, इन दिनों इनेलो में चल रहे घमासान के मद्देनज़र अगर इनमे से कुछ और विधायकों से खिलाफ निष्कासन जैसी कारवाही होती है तो विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए शुरू हो सकती है अंको के खेल की राजनीतिl
संभावित परिस्थिति के मद्देनज़र अब पूर्व मुख्यमंत्री और इनेलो मुखिया ओम प्रकाश चौटाला पर आकर टिक गयी हैं सबकी नज़रेंl के क्या ‘उत्तराधिकार की लड़ाई’ लड़ रहे दुष्यंत चौटाला के समर्थन में उतरे और बर्खास्तगी के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले इनेलो विधायकों को अब किस चश्मे से देखेगा पार्टी का शीर्ष पार्टी नेतृत्व?
उल्लेखनीय है के ओम प्रकाश चौटाला के छोटे पुत्र अभय सिंह चौटाला वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष हैं जिनकी उनके भतीजों दुष्यंत और दिग्विजय के साथ ‘उत्तराधिकार की लड़ाई’ चल रही हैl
इनेलो की अंतर्कलह पिछले महीने खुलकर सामने आई जब स्वर्गीय देवी लाल के सम्मान में गोहाना में आयोजित एक रैली में अभय सिंह चौटाला के भाषण के दौरान दुष्यंत के समर्थकों ने जमकर नारेबाजी कीl
इसके बाद अभय सिंह चौटाला और दुष्यंत चौटाला के समर्थक पार्टी के कार्यकर्मों मे ख़ुलकर एक-दूसरे के सामने होने लगेl
मामले की गंभीरता से लेते हुए पहले शीर्ष नेतृत्व द्वारा पार्टी की युवा इकाई व छात्र इकाई इंडियन नेशनल स्टूडेंट आर्गेनाईजेशन (इनसो) को भंग किया गया और फिर 2 नवंबर को दुष्यंत और दिग्विजय दोनों की पार्टी सदस्यता भी रद्द कर दी गयीl
दुष्यंत जहाँ हिसार से सांसद हैं तो वहीँ दिग्विजय इनसो के अध्यक्ष व स्टार नेता रहे हैंl