चंडीगढ़,
1 फरवरी, 2019
बहुचर्चित जींद उपचुनाव के नतीजे 31 जनवरी को घोषित हुए जिसमें सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बाजी मारी।
जींद उपचुनाव नतीजों में एक खास बात ये रही के अपना पहला चुनाव लड़ रही नवगठित जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने अपने पहले चुनाव में सम्मानजनक पराजय से शुरुआत की तो प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी इण्डियन नैशनल लोकदल (इनेलो) शीर्ष चार में भी स्थान न बना पाई और इसके उम्मीदवार उमेद रेढू को मात्र 3454 मतों से सब्र करना पड़ा।
इससे भी मजेदार बात यह रही के उपचुनाव में उम्मीदवार तौर पर विकल्प ‘नोटा’ (None of the above यानि इनमें से कोई नहीं) ने विभिन्न दलों से व निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ रहे 21 उम्मीदवारों में से 15 को चित किया।
अंतिम परिणामों के अनुसार नोटा को 345 वोट मिले जबकि 15 उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त किए गए मत ‘नोटा’ के स्कोर भी नहीं छू सके।
मतगणना में ‘नोटा’ से हारने वाले उम्मेद्वारों में शामिल हैं भारतीय सामाजिक न्याय पार्टी के उम्मीदवार कमल कुमार (149 मत), अम्बेडकर समाज पार्टी के उम्मीदवार राजपाल 52, राष्ट्रीय मजदूर एकता पार्टी के उम्मीदवार शीतल देवी 131, पीपलज पार्टी ऑफ इण्डिया के उम्मीदवार सुनीता रानी 69, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इण्डिया के उम्मीदवार सुनील कुमार 166, निर्दलीय उम्मीदवार औमप्रकाश 128, निर्दलीय उम्मीदवार संत धर्मबीर चौटीवाला 170, प्रभाती राम 249, विजेन्द्र 239, मांगेराम 276, मास्टर रमेश खत्री 95, रविन्द्र कुमार 200, सतपाल 119, संदीप कुमार 67 तथा सुरेन्द्र बीबीपूर 40 मत।
भारतीय निर्वाचन आयोग ने 2013 के विधानसभा चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में ‘नोटा’ बटन का विकल्प उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। 2018 में ‘नोटा’ को भारत में पहली बार उम्मीदवारों के समकक्ष दर्जा मिला।
मतगणना के दौरान 48 पोस्टल बैल्ट पेपर प्राप्त हुए। इनमें से सही न होने के कारण 17 पोस्टल बैल्ट पेपर रिजैक्ट हो गये जबकि 31 पोस्टल बैल्ट पेपर सही पाये गये। इनमें से दिग्विजय चौटाला को 17, बीजेपी को 12, व सुरजेवाला को 2 मत प्राप्त हुए।