चंडीगढ़,
9 जुलाई, 2019
शराब पीकर गाड़ी चलाने से होने वाली सडक़ दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए शीघ्र ही चण्डीगढ़ की तर्ज पर हरियाणा सरकार भी एक कानून बनाएगी जिसके तहत शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले व्यक्ति के वाहन को जब्त किया जा सकेगा।
इसके अतिरिक्त, सरकार ओवरलोडिंग की समस्या के समाधान के लिए एक दीर्घावधि कार्य योजना भी लेकर आएगी। सरकार टोल प्लाजा पर सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से भी ओवरलोडिंग के मामलों पर नजर रखेगी और वहीं चालान किए जाएंगे।
राज्य सडक़ सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद एक पत्रकार सम्मलेन को सम्बोधित करते हुए आज प्रदेश के परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार आज यह जानकारी दी।
पंवार ने कहा कि हरियाणा में प्रतिवर्ष लगभग 10-11,000 सडक़ दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें से लगभग 50 प्रतिशत व्यक्तियों की मृत्यु हो जाती है।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों की तुलना में प्रदेश में पहली बार पहले छह महीने में सडक़ दुर्घटनाओं में सात प्रतिशत की कमी आई है जिसके फलस्वरूप मृत्यु दर में भी कमी आई है। हरियाणा ऐसा पहला राज्य है, जिसने सडक़ दुर्घटना कम करने के उद्देश्य से विजन जीरो लागू किया। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा किए गए सडक़ सुरक्षा संबंधी उपायों के बारे में समयबद्घ रिपोर्ट मांगी गई है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा उन राज्यों में से एक है जहां सडक़ सुरक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कानून बनाया गया है जिसके अंतर्गत चालान से मिलने वाली धन राशि का 50 प्रतिशत पैसा सडक़ सुरक्षा कोष में जमा करवाया जाता है।
हरियाणा का अनुसरण करते हुए राजस्थान तथा हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों ने भी इस दिशा में पहल की है।
परिवहन मंत्री ने बताया कि प्रदेश में इस समय सात ट्रामा सेंटर हैं जिन्हें बढ़ाकर 13 किया जाएगा। इस संबंध में तीन एमओयू हो चुके हैं जिनके तहत निजी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में ट्रॅामा सेंटर की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि लगभग 34 प्रतिशत दुर्घटनाएं दुपहिया वाहनों की होती हैं। इसलिए कॉलेज तथा विश्वविद्यालय स्तर पर बच्चों को ड्राइविंग का प्रशिक्षण दिए जाने की आवश्यकता है।
परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीसी गुप्ता ने बताया कि हमें आगामी छह माह के अंदर सडक़ दुर्घटनाओं में कमी लाकर हरियाणा को इस मामले में देश के पहले पांच राज्यों में शामिल करना है।
प्रदेश पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मनोज यादव ने कहा कि हमारी चालानिंग रोड़ सेफ्टी ओरियंटिड होगी जिसका उद्देश्य सेफ ड्राइविंग है। यदि कोई चालक सुरक्षित ड्राइविंग करता है तो उसके दस्तावेजों की जांच नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ड्रंक एण्ड ड्राइव के खिलाफ सघन अभियान चलाया जाएगा।