जहरीली शराब, नशे को लेकर हरियाणा में विपक्ष के निशाने पर सरकार

चंडीगढ़,

9 नवंबर

हरियाणा के यमुनानगर में जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद प्रदेश की राजनीति में कथित मुद्दा गरमा गया है।

वीरवार को विपक्षी पार्टियों कांग्रेस व इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने जहरीली शराब प्रकरण पर मनोहर लाल खट्टर सरकार को घेरते हुए इसे सरकार की विफलता बताया है और मामले की उच्चस्तरीय जाँच की मांग की है।

पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आरोप लगाया है कि बीजेपी-जेजेपी सरकार के संरक्षण में नशे का काला कारोबार फैलता जा रहा है। जहरीली शराब, चिट्टा और सिंथेटिक नशा लगातार प्रदेश वासियों की जान ले रहे हैं।

हुड्डा ने कहा, “यमुनानगर में जहरीली शराब से हुई मौतों सरकार की नाकामी का नतीजा है। क्योंकि इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। नवंबर 2020 में अकेले पानीपत और सोनीपत में 4 दिन के भीतर 30 से ज्यादा लोगों की मौत जहरीली शराब के चलते हो गईं थीं। 3 साल पहले फरीदाबाद में 3 मौत हुईं थी। नवंबर 2022 में सोनीपत के 4 लोगों की जान जहरीली शराब के चलते चली गई थी। इतने बड़े पैमाने पर मौतों के बावजूद सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की और आजतक किसी बड़े मगरमच्छ पर हाथ नहीं डाला। जांच के नाम पर सरकार द्वारा एसआईटी तो बना दी जाती है कि लेकिन उनकी जांच का नतीजा कभी सामने नहीं आता।”

हुड्डा ने कहा कि खुद एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि हरियाणा में नशा इस कदर बढ़ गया है कि ओवरडोज से मौत के मामले में प्रदेश पंजाब से भी आगे निकल गया है। पिछले साल आए आंकड़ों के मुताबिक अकेले सिरसा जिले में सालभर के भीतर नशे की ओवरडोज से 43 लोगों की मौत हुई। नशे की वजह से आत्महत्या करने के मामले में हरियाणा ने पंजाब और हिमाचल को पीछे छोड़ दिया है। सालभर के भीतर 89 लोगों ने नशे के चलते खुदकुशी की है। नशे का इंजेक्शन लेते हुए युवाओं की मौत की खबरें आम हो गई हैं।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार नशा कारोबारियों को सुरक्षा कवर देकर प्रदेश के वर्तमान और भविष्य दोनों को बर्बाद कर रही है। लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर नशे के इस काले साम्राज्य पर नकेल कसी जाएगी और लोगों की जान लेने वालों को उनके गुनाहों की सजा दी जाएगी।

वहीं इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने भी मामले पर सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि अगर सरकार सोनीपत और पानीपत के मामले के बाद कार्रवाई करती तो यमुनानगर में लोगों की जान नहीं जाती।

चौटाला ने कहा कि सरकार ऐसे मामलों में आरोपियों को सजा देने की बजाय उन्हें बचाने का काम करती है। कोविड काल में जब लोग अपने घरों से बाहर तक नहीं आ रहे थे, तब भी प्रदेश में शराब की कोई कमी नहीं थी और बड़े पैमाने पर शराब की तस्करी हुई।

उन्होंने कहा, “यमुनानगर में जो हुआ उसमें सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है। अगर सरकार ईमानदार है तो इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस को काम करने की छूट दी जाए तब ऐसी घटनाएं नहीं होंगी।”

गौरतलब है कि यमुनानगर में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या बढ़ कर 7 हो गई है। मंडेबरी और पंजेटो के माजरा के बाद अब तीसरे गांव फूंसगढ़ में भी एक युवक की मौत हो गई।

 

 

 

 

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