चंडीगढ़,
9 जून, 2021
हरियाणा में आजकल ट्यूबवैल कनेक्शन का मुद्दा खूब छाया हुआ है, प्रदेश की राजनीति में भी ट्यूबवैल कनेक्शन को लेकर खूब वाद-विवाद जैसी परिस्थिति बनी हुई है।
ऐसे में उत्पन्न कथित भ्रांतियों पर चुप्पी तोड़ते हुए सरकार ने साफ किया है कि प्रदेश में चरणबद्घ तरीके से ट्यूबवैल कनेक्शन दिए जा रहे हैं।
विद्युत मंत्री रणजीत सिंह ने कहा है कि राज्य सरकार ने किसानों को प्रथम चरण में शेष बचे 7621 ट्यूबवैल कनेक्शन आगामी 15 जुलाई तक देने का लक्ष्य रखा है जबकि अभी तक 9401 ट्यूबवैल कनेक्शन दिए जा चुके है।
आज एक पत्रकारवार्ता को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने ट्यूबवैल कनेक्शन के लिए एक जनवरी 2019 से पहले आवेदन किया था, उन्हें चरणबद्घ तरीके से कनेक्शन दिए जा रहे हैं।
इसके पहले चरण कुल 17022 ट्यूबवैल कनेक्शन जारी किए जाएंगे। इसके तहत दूसरे चरण में 40 हजार आवेदकों को कवर किया जाएगा, जिनको 30 जून 2022 तक ट्यूबवैल कनेक्शन उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा है। इनमें से 39571 आवेदकों के एस्टिमेट तैयार कर फीस जमा करवाने को कहा गया है। इसके अलावा, 19672 किसानों ने अनुमानित लागत फीस जमा भी करवा दी है।
विद्युत मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सरकार द्वारा किसानों को फसल के लिए अधिक से अधिक पानी उपलब्ध करवाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। इसके तहत जिन क्षेत्रों में भूजल स्तर 100 फुट से अधिक गहराई में हैं, उन क्षेत्रों में माइक्रो सिंचाई (ड्रिप सिस्टम) को प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसके लिए अनुसूचित जाति के किसानों को 80 प्रतिशत तक तथा सामान्य क्षेणी के किसानों को 60 फीसदी तक सब्सिडी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि लोगों के हित में राज्य सरकार ने 100 फुट से कम भूजल स्तर वाले क्षेत्रों में किसानों को ट्यूबवैल कनेक्शन दिए जाएंगे, उससे अधिक गहराई वाले क्षेत्रों में ट्यूबवेल कनेक्शन में ड्रिप सिस्टम लागू किया जाएगा।
रणजीत सिंह ने कहा, “हमारी सरकार ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए सात अन्य कम्पनियों के मोटर पैम्पसेट को अधिकृत किया है। कोई भी किसान इन कम्पनियों के पैम्पसेट खरीद कर अपने खेतों में लगवा सकते हैं, जिनमें शक्ति पम्प, क्राम्पटन इल्कट्रोनिक लिमिटिड, ला गज्जर मशीनरी, सीआरआई पम्प, ड्यूक प्लास्टो तकनीक, एक्वासब इंजिनियरिंग तथा लूबी इंडस्ट्री के 3 स्टार पम्प शामिल हैं। इन कम्पनियों के पम्प लगाने से लेकर रिपेयर करने की पूरी जिम्मेदारी संबंधित कम्पनी की होगी। उन्होंने कहा कि दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम तथा उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के द्वारा जारी किए गए 3.32 लाख ऐसे उपभोक्ताओं के बिलों में संशोधन की आवश्यकता पड़ी, जिनमें मीटर बंद पड़े थे, अपने स्थान पर मीटर नही मिलने, आरएनटी, जले मीटर, मीटर खराब, बन्द स्थानों व अन्य कारण शामिल रहे हैं। इनमें दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के 1.18 लाख तथा उत्तर दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के 2.14 लाख उपभोक्ता शामिल हैं।”