वियतनाम भी हुआ अब हरयाणवी मुर्रा भैंसों का कायल

चण्डीगढ़: हरियाणा की मुर्राह भैंस का कायल अब वियतनाम भी हो गया है।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ से नई दिल्ली में वियतनाम के कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय के उपमंत्री तरन थान्ह नैम के नेतृत्व में आए प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात में मुर्राह भैंस को लेकर अपनी रूचि दिखाई। साथ ही बायो फर्टिलाइजर क्षेत्र में भी हरियाणा से सहयोग मांगा।

वियतनाम से आए प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि उनके देश की मछली पालन व दुग्ध उत्पादन में विशिष्ट पहचान है। हरियाणा की मुर्राह भैंस की दूध देने की क्षमता के बारे में सुना गया है। वियतनाम चावल व कृषि क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले बायो फर्टिलाइजर भारत से आयात करता है। साथ ही उनके देश में चावल की भी अधिक मांग है। वियतनाम के उपमंत्री ने कृषि क्षेत्र से जुड़े विषयों पर चर्चा के साथ.साथ आपसी सहयोग को बढ़ावा देने की बात कही।

ओमप्रकाश धनखड़ ने बताया कि हरियाणा में बासमती की बड़े पैमाने पर खेती होती है और बड़ी मात्रा में चावल का हरियाणा से विदेशों में निर्यात भी किया जाता है।

वियतनाम के कृषि एवं ग्रामीण विकास उपमंत्री ने धनखड़ को वियतनाम आने के लिए आमंत्रित किया। जिससे मछली पालन व दुग्ध उत्पादन आदि विषयों पर बातचीत की जा सके। धनखड़ ने मुलाकात को सार्थक बताते हुए कहा कि वियतनाम से आए दल के साथ हरियाणा में कृषि एवं किसान कल्याण पर एक सकारात्मक चर्चा हुई है। जिसका लाभ हरियाणा के किसानों को मिलेगा। वियतनाम का प्रतिनिधिमंडल हरियाणा में ऑर्गेनिक व इनऑर्गेनिक कैमिकल.पेस्टीसाइड निर्माता कंपनियों का भी दौरा करेगा।

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